भारत में क्यों बढ़े ब्लैक फंगस के मामले? ऑक्सीजन संकट से है संबंध? क्या कहते हैं एक्सपर्ट
विदेशों में भी कोरोना खूब हुआ, स्टेरॉइड का भी काफी इस्तेमाल हुआ, लेकिन ब्लैक फंगस के मामले हमारे ही देश में इतने क्यों हुए? अब फूड एंड ड्रग फाउंडेशन और एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाया है कि कहीं हम दूषित ऑक्सीजन और डिस्टिल्ड वाटर की जगह नल के पानी का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे?
Black Fungus Cases : महाराष्ट्र में अबतक इस बीमारी से हुईं हैं 90 मौतें. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बिना धोए मास्क पहनने से होता है ब्लैक फंगस? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
क्यों बढ़ रहे हैं केस?
विदेशों में भी कोरोना खूब हुआ, स्टेरॉइड का भी काफी इस्तेमाल हुआ, लेकिन ब्लैक फंगस के मामले हमारे ही देश में इतने क्यों हुए? इस बीमारी से महाराष्ट्र में 90 मौतें हो चुकी हैं. अब फूड एंड ड्रग फाउंडेशन और एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाया है कि कहीं हम दूषित आक्सीजन और डिस्टिल्ड वाटर की जगह नल के पानी का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे क्योंकि इससे भी ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ता है.
ऑल इंडिया फ़ूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर फ़ाउंडेशन ने सवाल उठाया है कि कहीं इस फंगस के अचानक फैलाव की पीछे एक बड़ा कारण दूषित ऑक्सीजन या इसमें इस्तेमाल होने वाला पानी तो नहीं? उसने फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को ये खत लिखा है जिसमें आशंका जताई है कि ऑक्सीजन की किल्ल्त के समय जब उद्योगों के लिए ऑक्सीजन बनाने वालों ने मेडिकल ऑक्सीजन बनाया तो नियमों पर अमल हुआ या नहीं? और उसकी पड़ताल हुई या नहीं? घरों में दी जा रही ऑक्सीजन भी क्या डिस्टिल्ड वॉटर के साथ है?
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'शायद ऑक्सीजन का प्यूरिफिकेशन सही नहीं'
बड़े गैस्ट्रोएंटोरोलॉजिस्ट और ज़ेन मल्टिस्पेशियल्टी हॉस्पिटल के डायेरक्टर डॉक्टर रॉय पाटंकर ने कहा, 'पश्चिमी देशों में जहां बहुत ज्यादा कोविड था, वहां भी इतना ब्लैक फंगस नहीं था. हमारे यहां होने के कई कारण हैं. किल्लत के कारण भारत में हम इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन भी इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें शायद प्यूरिफिकेशन सही नहीं है, हम यहां ह्यूमिडिफायड ऑक्सीजन देते हैं. बोतल में पानी के ज़रिए, शायद ऐसा भी हो कि इसमें डिस्टिल्ड की जगह नल का पानी इस्तेमाल हो रहा हो, या बॉटल ठीक से स्टेरायल नहीं हो रहे हैं.'
डॉ प्रशांत केवले ने कहा कि 'भारत-महाराष्ट्र में जो स्ट्रेन हम देख रहे हैं वो भी एक फ़ैक्टर है कि ब्लैक फ़ंगस को बढ़ावा मिला है, मगर ऑक्सीजन और डिस्टिल्ड वॉटर भी फ़ैक्टर हैं.'
ये फंगस हवा, नमी वाली जगह, मिट्टी, सीलन भरे कमरों आदि में पाया जाता है. स्वस्थ लोगों को फिक्र की जरूरत नहीं लेकिन जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है उन्हें ब्लैक फंगस का खतरा है. दूषित ऑक्सिजन-पानी आग में घी डालने का काम कर सकते हैं.
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